सीधी भर्ती के आरक्षण रोस्टर को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सदस्य राज्यमंत्री रेखा आर्य ने अपनी ही सरकार के कार्मिक विभाग पर दादागिरी करने का आरोप जड़ा है। कार्मिक विभाग की कार्यप्रणाली से वह इस कदर नाराज हुईं कि मंगलवार को उपसमिति की बैठक का ही बायकॉट कर दिया। उन्होंने ‘अमर उजाला’ को बताया कि पिछली बैठक में उन्होंने सुझाव दिए थे, उन पर सहमति भी बनी, लेकिन कार्मिक विभाग ने बैठक के जो मिनट्स जारी किए, उसमें उन सुझावों को आधे-अधूरे ढंग से शामिल किया गया। विभाग ने अपने स्तर पर मिनट्स जारी कर दिए। उपसमिति के सदस्यों से इस पर अनुमोदन लेने की जहमत तक नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि कार्मिक विभाग यदि इसी आचरण से काम करता है तो कोई समाधान नहीं निकलेगा। ऐसे में बैठक में शामिल होने का उन्हें कोई औचित्य दिखाई नहीं देता।
उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि समिति के सदस्यों के सुझावों पर कार्मिक विभाग अनुपालन नहीं कर रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक प्रकार से कार्मिक विभाग की यह दादागिरी है। वह समस्या को सुलझाना नहीं, उलझाना चाहता है। वह सामाजिक समरसता को बिगाड़ना चाहता है। मुझे लगता है कि यदि पूर्व के सुझावों पर काम नहीं किए गए, तो अभी की बैठकों में जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए मैं बैठक में नहीं गई। मैंने बैठक का बायकॉट किया।’ रेखा ने कार्मिक विभाग पर मुख्यमंत्री और उपसमिति के अध्यक्ष को गुमराह करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि समिति के सदस्यों के सुझावों पर कार्मिक विभाग अनुपालन नहीं कर रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक प्रकार से कार्मिक विभाग की यह दादागिरी है। वह समस्या को सुलझाना नहीं, उलझाना चाहता है। वह सामाजिक समरसता को बिगाड़ना चाहता है। मुझे लगता है कि यदि पूर्व के सुझावों पर काम नहीं किए गए, तो अभी की बैठकों में जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए मैं बैठक में नहीं गई। मैंने बैठक का बायकॉट किया।’ रेखा ने कार्मिक विभाग पर मुख्यमंत्री और उपसमिति के अध्यक्ष को गुमराह करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
बता दें कि सीधी भर्ती के आरक्षण रोस्टर के परीक्षण को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की यह दूसरी बैठक थी। पिछली बैठक में उपसमिति के तीनों सदस्यों ने भाग लिया था। लेकिन मंगलवार को हुई बैठक में उपसमिति के अध्यक्ष मदन कौशिक ही मौजूद रहे। उपसमिति के सदस्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी बैठक में नहीं आए।
बैठक में आज केवल प्रतिनिधि बुलाए गए थे। समिति की सदस्य रेखा आर्य देहरादून में थीं, उन्हें भी फोन करके सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने किन्हीं कारणों से बैठक में आने में असमर्थता जताई। उनका कोई मसला होगा तो उस पर चर्चा कर ली जाएगी।